Tuesday, August 20, 2013

चल रे टमटम


चल रे टमटम 

साइठ बछर लंबा डहर 
कय कोस
नी जानोंन 
जानोन 
साइठ बछर लम्बा डहर 


दू बछर कर छऊआ 
बाप हर बिगे खोजे 
मांय कर अंचरा में 
का करो मांय 

मांग कर लाल बिछरत हे 
कोइख कर लाल पिछरत हे 

झेन्झरो अंचरा मांय कर 
सेकरे छाईह तर 
रउद अंधड़ 
बरखा झईर 
किटी किटी पाला 

बीत गेलक कोनो रंग 
सतरह गो जेठ 
सतरह गो हथिया 
ओतने पूस 
कान्हो हेराल रहे फागुन 
जोताय गेलक टमटम में 
नावां बछेड़ा 
कतना सवार 
कतना असबाब 
देहाती संडक 
गाडी कर रोबाब 
जवानी कर शान 
चाइल 
करे लाग्लक गान 
चल रे टमटम 
चल चल चल 

धइन देह आइज ले 
राखले तो मान 
एहे रंग संग देह 
नझो जात प्राण 

ले पार तो लगाम फेइर 
काइल होत  बिहान
ख़ुशी मने कईर पार  तो 
फेइर प्रयाण गान 

चल रे टमटम 
चल चल चल 
 
  [अगम बेस: page no. 36 . नागपुरी काव्य संग्रह] 

No comments:

Post a Comment