Saturday, October 22, 2016

कहाँ है मृत्यु : मेरी आवाज़ में

मेरे नाती गोविन्द की बहुत जिद थी कि मेरी आवाज़ में मेरी कोई रचना रिकॉर्ड हो और इन्टरनेट के माध्यम से पूरी दुनिया के लिए उपलब्ध हो.
उसकी मेहनत और आपके लगाव का नतीजा है मेरा यह पहला प्रयास.
आपके प्रतिक्रियाओं का आकांक्षी : धनेन्द्र प्रवाही

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