Tuesday, May 14, 2013

ग़ज़ल




पछिमे से का आलक हावा 
घरे आब बाज़ार भे गेलक।

मोल -तोल  हय डेग -डेग  में 
रिसता कार-बार भे गेलक।

दारु किडनैप लंगापन तो 
युग कर संसकार भे गेलक।


बुढ़वा घर कर होल संतरी 
छौंड़ा तो फरार भे गेलक।

आइग लागलक का बन में 
चन्दन तक अंगार भे गेलक।

              [अगम बेस: page no. 65. नागपुरी काव्य संग्रह] 

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