Tuesday, August 20, 2013

परकाला


कईसन  सुन्दर रहे
हाथ में परकाला 
चेहरा के संगे संग 
लील अकास 
हरियर धरती 
सघन बन 
झरना नदी 
खान खदान 
फैक्ट्री मनक चिमनी मन 
रीझे रीझे हूलकत रहयं 
कतई कतई बात कान में
 कहत रहयं
लोभावान 
सोहावन 
मनभावन 

***

का रंग गिर गेलक 
कईसन दरईक गेलक 
मुंहक छवी छितिछान 
संगे धरती आसमान 
छाकछुन भे गेलक 
भेन्सुवावान 
डरडरावन 
मनतोरन

[चोरेया , 2005 पृष्ठ ३२ अगम बेस ]   

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