Monday, October 13, 2014

साम पियारी : पहला गीत



इ डहर अररा खड़ा
छईंहगर पवितर असोक गछ
तोयं ई काले कहिसल कि
तोयं हामर पाँव छुवाइक असर में
जनम जनम से फूलबिहीन खड़ा रहिस
तोके का मालूम कि
हाम कयकय बेइर सिरिफ तोर ले
धुइर में मेइस ही
धरती में तरे उतईर के जईर मनक सहारा से
तोर कठोर फेंड कर रेसे -रेसा
कोढ़ी बइन के, कोंपल बइन के , सुगंध बइन के, लाली बइन के
चुपे से निंदाय जायही
कि कखन मधुमास आवे आउर तोयं कखन हामर
फुल फुलेक से छहइल जाइस!

No comments:

Post a Comment